महाराज धृतराष्ट्र व गांधारी का 100 पुत्र र एक पुत्री थिए। पुत्रीको नाम दु:शला थियोः
१०० पुत्रको नाम:-
1- दुर्योधन, 2- दु:शासन, 3- दुस्सह, 4- दुश्शल, 5- जलसंध, 6- सम, 7- सह, 8- विंद, 9- अनुविंद, 10- दुद्र्धर्ष, 11- सुबाहु, 12- दुष्प्रधर्षण, 13- दुर्मुर्षण, 14- दुर्मुख, 15- दुष्कर्ण, 16- कर्ण, 17- विविंशति, 18- विकर्ण, 19- शल, 20- सत्व, 21- सुलोचन, 22- चित्र, 23- उपचित्र, 24- चित्राक्ष, 25- चारुचित्र, 26- शरासन, 27- दुर्मुद, 28- दुर्विगाह, 29- विवित्सु, 30- विकटानन, 31- ऊर्णनाभ, 32- सुनाभ, 33- नंद, 34- उपनंद, 35- चित्रबाण, 36- चित्रवर्मा, 37- सुवर्मा, 38- दुर्विमोचन, 39- आयोबाहु, 40- महाबाहु, 41- चित्रांग, 42- चित्रकुंडल, 43- भीमवेग, 44- भीमबल, 45- बलाकी, 46-बलवद्र्धन, 46- उग्रायुध, 48- सुषेण, 49- कुण्डधार, 50- महोदर, 51- चित्रायुध, 52- निषंगी, 53- पाशी, 54- वृंदारक, 55- दृढ़वर्मा, 56- दृढ़क्षत्र, 57- सोमकीर्ति, 58- अनूदर, 59- दृढ़संध, 60- जरासंध, 61- सत्यसंध, 62- सद:सुवाक, 63- उग्रश्रवा, 64- उग्रसेन, 65- सेनानी, 66- दुष्पराजय, 67- अपराजित, 68- कुण्डशायी, 69- विशालाक्ष, 70- दुराधर, 71- दृढ़हस्त, 72- सुहस्त, 73- बातवेग, 74- सुवर्चा, 75- आदित्यकेतु, 76- बह्वाशी, 77- नागदत्त, 78- अग्रयायी, 79- कवची, 80- क्रथन, 81- कुण्डी, 82- उग्र, 83- भीमरथ, 84- वीरबाहु, 85- अलोलुप, 86- अभय, 87- रौद्रकर्मा, 88- दृढऱथाश्रय, 89- अनाधृष्य, 90- कुण्डभेदी, 91- विरावी, 92- प्रमथ, 93- प्रमाथी, 94- दीर्घरोमा, 95- दीर्घबाहु, 96- महाबाहु, 97- व्यूढोरस्क, 98- कनकध्वज, 99- कुण्डाशी र 100-विरजा।
१०० पुत्रको नाम:-
1- दुर्योधन, 2- दु:शासन, 3- दुस्सह, 4- दुश्शल, 5- जलसंध, 6- सम, 7- सह, 8- विंद, 9- अनुविंद, 10- दुद्र्धर्ष, 11- सुबाहु, 12- दुष्प्रधर्षण, 13- दुर्मुर्षण, 14- दुर्मुख, 15- दुष्कर्ण, 16- कर्ण, 17- विविंशति, 18- विकर्ण, 19- शल, 20- सत्व, 21- सुलोचन, 22- चित्र, 23- उपचित्र, 24- चित्राक्ष, 25- चारुचित्र, 26- शरासन, 27- दुर्मुद, 28- दुर्विगाह, 29- विवित्सु, 30- विकटानन, 31- ऊर्णनाभ, 32- सुनाभ, 33- नंद, 34- उपनंद, 35- चित्रबाण, 36- चित्रवर्मा, 37- सुवर्मा, 38- दुर्विमोचन, 39- आयोबाहु, 40- महाबाहु, 41- चित्रांग, 42- चित्रकुंडल, 43- भीमवेग, 44- भीमबल, 45- बलाकी, 46-बलवद्र्धन, 46- उग्रायुध, 48- सुषेण, 49- कुण्डधार, 50- महोदर, 51- चित्रायुध, 52- निषंगी, 53- पाशी, 54- वृंदारक, 55- दृढ़वर्मा, 56- दृढ़क्षत्र, 57- सोमकीर्ति, 58- अनूदर, 59- दृढ़संध, 60- जरासंध, 61- सत्यसंध, 62- सद:सुवाक, 63- उग्रश्रवा, 64- उग्रसेन, 65- सेनानी, 66- दुष्पराजय, 67- अपराजित, 68- कुण्डशायी, 69- विशालाक्ष, 70- दुराधर, 71- दृढ़हस्त, 72- सुहस्त, 73- बातवेग, 74- सुवर्चा, 75- आदित्यकेतु, 76- बह्वाशी, 77- नागदत्त, 78- अग्रयायी, 79- कवची, 80- क्रथन, 81- कुण्डी, 82- उग्र, 83- भीमरथ, 84- वीरबाहु, 85- अलोलुप, 86- अभय, 87- रौद्रकर्मा, 88- दृढऱथाश्रय, 89- अनाधृष्य, 90- कुण्डभेदी, 91- विरावी, 92- प्रमथ, 93- प्रमाथी, 94- दीर्घरोमा, 95- दीर्घबाहु, 96- महाबाहु, 97- व्यूढोरस्क, 98- कनकध्वज, 99- कुण्डाशी र 100-विरजा।
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